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रविवार, 14 सितंबर 2014

भ्रष्टाचार पर लगाम की कवायद

                                                                         केंद्र सरकार ने देश भर में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए जिस तरह से सभी विभागों को एंटी ब्राइबेरी हॉटलाइन से जोड़ने का जो निश्चय लिया है उसके अच्छे परिणाम निश्चित रूप से सामने आयेंगें. अभी तक जिस तरह से आम लोगों या किसी भी क्षेत्र से जुड़े हुए किसी भी मसले पर केवल लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है इस परिवर्तन से आने वाले समय में उससे निजात मिलने की पूरी सम्भावना भी है. देश में भ्रष्टाचार किस स्तर तक अपनी पैठ बनाये हुए है यह इस बारे में दिए गए आदेश से ही स्पष्ट है जिसमें हर बात के लिए लोगों की ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करने के साथ ही उनको लोगों के लिए जवाबदेह बनाने की कोशिश भी की जा रही है. अभी तक गोपनीयता के नाम पर लोगों को अपनी फाइल के बारे में सही जानकारी मिल ही नहीं पाती है और उनकी मजबूरी का लाभ उठाने के लिए कार्यालयों में भ्रष्टाचार खुलेआम किया जाता रहता है.
                                                           इस योजना के अंतर्गत हर विभाग में एक अलग अनुभाग खोला जायेगा जो केवल भ्रष्टाचार से जुड़े हुए मामलों में विवेचना करते हुए उसे एंटी ब्राइबेरी हॉटलाइन के माध्यम से भ्रष्टाचार निरोधक विभाग तक पहुँचाया जायेगा जिससे इस तरह के मामलों पर तत्काल एक्शन लिया जा सके और पूरे देश में फैले हुए केंद्रीय कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच यह सन्देश भेजा जा सके कि अब उनके लिए भ्रष्टाचार कर पाना उतना आसान तो क्या बल्कि नामुमकिन हो गया है. इसी क्रम में सरकारी अधिकारियों द्वारा विवेक के आधार पर किये जाने वाले निर्णयों को भी समीक्षा के लिए सामने लाया जायेगा जिससे यह पता चल सके कि उसमें किसी स्तर पर कोई भ्रष्टाचार तो नहीं किया गया है ? इसके साथ ही कोई नयी नीति बनाने में विजिलेंस की राय भी आवश्यक होगी जिससे यह पता किया जा सके कि किसी समूह या व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने के लिए कोई योजना विशेष तो नहीं बनायीं जा रही है.
                                                           बड़े स्तर पर खरीद में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सभी काम इ-प्रोक्योरमेंट के माध्यम से ही किये जायेंगें जिससे इनमें किसी भी तरह के भ्रष्टाचार की गुंजाईश ही न रहे और इस पूरी प्रक्रिया को भी सीधे पीएमओ द्वारा ट्रैक किया जायेगा जिससे सभी विभागों पर यह दबाव भी बना रहे कि वे पीएमओ की नज़रों में हैं. किसी भी तरह के आवेदन को जिस तरह से ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम से जोड़ना अनिवार्य किया जा रहा है उससे फाइलों के गुम हो जाने या उनके बारे में कोई सूचना न मिल पाने की दशा में भी अप्रत्याशित सुधार आ जायेगा. इस पूरे सुधारात्मक माहौल को तभी जनता का सहयोग मिल पायेगा जब इन विभागों द्वारा व्हिसल ब्लोअर की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी क्योंकि जनता अपनी समस्याओं को यदि सामने लाती है तो उसकी पहचान खुल जाने के कारण बाद में अनेकों परेशनियों का सामना करना पड़ता है. आशा है कि यह पूरे प्रयास समग्र रूप से किये जायेंगें जिससे भ्रष्टाचार पर निर्णायक प्रहार करने में सफलता पायी जा सके.          .    
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